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2025 में 28 या 29 जुलाई आख़िर कब है नाग पंचमी?  जाने महत्व, कथा और पूजन विधि

भारत त्योहारों की भूमि है। यहां हर पर्व अपने साथ एक विशेष मान्यता और परंपरा लेकर आता है। इन्हीं पर्वों में से एक है नाग पंचमी, जिसे श्रद्धा, आस्था और धार्मिक उल्लास के साथ सम्पूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता है। इस लेख में हम इसके बारें में विस्तार से जानेंगे।

नाग पंचमी 2025
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नाग पंचमी हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें नागों (साँपों) की पूजा की जाती है। यह पर्व हर साल सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग नाग देवता की पूजा कर उनकी कृपा, सुरक्षा और शांति की कामना करते हैं।

यह पर्व यह भी दर्शाता है कि सनातन धर्म में हर जीव, हर प्राणी और प्रकृति का सम्मान किया जाता है, और जीव-जंतु भी देवता के रूप में पूजनीय हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है, इसका धार्मिक महत्त्व, पौराणिक कथाएं, पूजन विधि, और 2025 में नाग पंचमी की तिथि व विशेष योग क्या है।


📅 2025 में नाग पंचमी कब है?

वेदिक पंचांग के अनुसार:

  • पंचमी तिथि प्रारंभ: 28 जुलाई 2025, रात 11:25 बजे
  • पंचमी तिथि समाप्त: 29 जुलाई 2025, रात 12:47 बजे
  • उदय तिथि के अनुसार: 29 जुलाई 2025 (मंगलवार) को नाग पंचमी मनाई जाएगी।

इस बार नाग पंचमी पर शिव योग, रवि योग, लक्ष्मी योग और मंगला गौरी व्रत का विशेष संयोग बन रहा है, जो इसे और अधिक पावन व फलदायी बनाता है।

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🐍 नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? (पौराणिक कारण)

नाग पंचमी से जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:

1. भगवान विष्णु और शेषनाग की कथा

मान्यता है कि सावन मास की पंचमी तिथि को ही भगवान विष्णु ने शेषनाग को अपना शय्या रूप में स्वीकार किया था। इस दिन पहली बार भगवान विष्णु ने शेषनाग की शैय्या पर विश्राम किया। इस घटना को स्मरण करने के लिए यह दिन नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

2. समुद्र मंथन और भगवान शिव

जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ, तब उससे हलाहल विष निकला। सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान शिव ने वह विष पी लिया। किंवदंती है कि कुछ विष की बूंदें उनके गले में लिपटे नागों ने भी पी लीं, और उसी दिन सावन की शुक्ल पंचमी तिथि थी। अतः नागों की पूजा इस दिन की जाती है।

3. भगवान श्रीकृष्ण और कालिया नाग

श्रीमद्भागवत के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप में थे, उन्होंने कालिया नाग का दमन कर यमुना नदी को विषरहित बनाया। इस अद्भुत लीला को याद करते हुए पंचमी तिथि को नाग देवताओं की पूजा की जाती है।

4. राजा परीक्षित और तक्षक नाग की कथा

महाभारत के अनुसार, अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नामक नाग के काटने से हुई थी। उनके पुत्र जनमेजय ने नागों से प्रतिशोध लेने हेतु एक महायज्ञ कराया, जिससे समस्त नाग भस्म हो जाते। परंतु आस्तिक मुनि ने यज्ञ को रोककर नाग जाति की रक्षा की। यह घटना भी सावन की पंचमी तिथि को हुई थी, अतः इस दिन नागों की पूजा कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।

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🔱 नाग पंचमी का धार्मिक महत्त्व

  • महादेव के गले में वासुकि नाग विराजते हैं — जो उनके श्रृंगार का हिस्सा हैं।
  • भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन करते हैं।
  • भगवान लक्ष्मण, बलराम और पतंजलि जैसे महापुरुषों को शेषनाग का अवतार माना गया है।
  • गरुड़ पुराण, भविष्य पुराण, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि ग्रंथों में नागों का विशेष उल्लेख किया गया है।
  • कश्मीर, उज्जैन, नागपुर, बस्तर, वाराणसी, केरल जैसे क्षेत्रों में आज भी नाग पूजा विशेष रीति से होती है।

नाग पंचमी हमें प्रकृति, जीवों और शक्ति के संतुलन की महत्ता को सिखाती है। यह पर्व करुणा, श्रद्धा और चेतना का प्रतीक है।

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🕉️ नाग पंचमी की पूजन विधि (कैसे मनाएं?)

भारत के विभिन्न हिस्सों में नाग पंचमी की पूजा अलग-अलग तरीकों से होती है:

🔹 उत्तर भारत में:

  • घर के मुख्य द्वार या दीवार पर गोबर से नाग देवता की आकृति बनाई जाती है।
  • उस पर दूध, चावल, पुष्प, हल्दी, कुंकुम अर्पित कर पूजा की जाती है।
  • व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं और नाग देवता की कथा सुनते हैं।

🔹 दक्षिण भारत में:

  • मंदिरों में प्राकृतिक नाग मूर्तियों की पूजा की जाती है।
  • विशेषकर कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में इस दिन नागराज पूजा और नागराज गीत गाए जाते हैं।

🔹 ग्रामीण क्षेत्रों में:

  • खेतों और जंगलों में पाए जाने वाले सर्प बिलों में दूध और चावल अर्पित किया जाता है।
  • नाग देवता से फसलों की रक्षा और घर-परिवार की समृद्धि की कामना की जाती है।

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q. नाग पंचमी कब मनाई जाती है?
A. सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है।

Q. नाग पंचमी का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
A. यह पर्व नागों के प्रति कृतज्ञता, सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन का संदेश देता है।

Q. 2025 में नाग पंचमी की तिथि क्या है?
A. वर्ष 2025 में नाग पंचमी 29 जुलाई, मंगलवार को मनाई जाएगी।

Q. इस दिन क्या विशेष योग बन रहा है?
A. शिव योग, रवि योग, लक्ष्मी योग और मंगला गौरी व्रत का संयोग, जो इस दिन को अत्यंत शुभ बनाता है।


निष्कर्ष

भारत के त्योहारों में केवल रीति-रिवाज नहीं, बल्कि गहरी मान्यताएं और प्रकृति के प्रति आस्था छिपी होती है। नाग पंचमी केवल नागों की पूजा का पर्व नहीं है, यह हमें सिखाता है कि हर जीव की इस सृष्टि में अपनी एक भूमिका है।

इस लेख में हमने जाना:

  • नाग पंचमी का धार्मिक महत्त्व क्या है
  • क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी
  • 2025 में नाग पंचमी की तिथि व शुभ योग
  • पौराणिक कथाएं और पूजन विधि

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🙏 जय नाग देवता 🙏

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